RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -21-Nov-2022

प्रेम की‌ तलाश खोज रही है मेरे 

अंदर छुपे एहसासों के भंवर को, 
कौन समझाए इसे अब संसार में ‌‌
दिल मिट्टी के भाव है बिकते है, 
हर मोड़ के‌ किनारे पर जिसकी 
खोज में ‌‌‌आज‌ तुम सजते हो कल‌ 
कोई ओर प्रेम की तलाश में चला है 
बिन ये जानें कि अब दिल को समझ 
खिलौना खेल लोग अक्सर है जातें, 
प्रेम की‌ तलाश में चला है आंखें मूंद 
बैठा है कोई समझा जाओ इसकी 
तलाश को मौत का घर ना बनाओं।

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16 Comments

लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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RAKHI Saroj

20-Jan-2023 01:36 PM

धन्यवाद

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Punam verma

22-Nov-2022 08:12 AM

Very nice

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RAKHI Saroj

22-Nov-2022 10:32 PM

Thank you

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Abhinav ji

22-Nov-2022 08:03 AM

Very nice👍👍

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RAKHI Saroj

22-Nov-2022 10:33 PM

Thank you

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